पेट्रोल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं ?

 पेट्रोल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं ?

पेट्रोल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं ?

 देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। आसमान छूती तेल कीमतों से जनता भी परेशान है। तेल महंगा होने का मामला राज्यसभा में भी उठा। दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 88.99 जबकि मुंबई में 95.46 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। वहीं, दिल्ली में डीजल 79.35 रुपये तो मुंबई में 86.34 रुपये में मिलेगा।

वैश्विक बाजारों में आई तेजी से कीमत प्रभावित हुई है। इसके साथ ही राज्यस्तरीय करों को मिला कर ईंधन की खुदरा कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। राजस्थान में पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट की दरें सबसे अधिक है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है, जिसका सीधा असर खुदरा ईंधन की बिक्री पर भी पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। यही कारण है कि घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल का भाव महंगा हो गया है।



      अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने पर घेरलू बाजार में  बढ़ते हैं                                                     तेल के रेट


भारत अपनी घरेलू जरूरतों का 84 फीसदी हिस्सा कच्चे तेल के आयात के जरिए पूरा करता है. इसलिए, ब्रेंट क्रूड की कीमतों का घरेलू ईंधन की कीमतों पर सीधा असर पड़ता है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर ईंधन की कीमतों में संशोधन करती हैं. लेकिन जैसे ही भारत लॉकडाउन में गया, भारत के OMCs ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 महीने के लिए संशोधन करना बंद कर दिया.


ट्रैवल कर्ब और लॉकडाउन के कारण अप्रैल 2019 की शुरुआत में ब्रेंट क्रूड की कीमत 66 प्रति बैरल से गिरकर 19 डॉलर हो गई थी. यह अब ये फिर से 60 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई हैं. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद को बताया कि तेल आपूर्तिकर्ताओं कार्टेल ओपेक ने कहा है कि यह आपूर्ति-मांग को पुनः संतुलित करने में जुटा है.


पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में पेट्रोल की कीमत लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क 32.98 रुपये प्रति लीटर है और राज्य सरकार का बिक्री कर और वैट 19.95 रुपये है. इसी तरह से डीजल के लिए, केंद्रीय उत्पाद शुल्क 31.83 रुपये और वैट 10.99 रुपये है. केंद्र और राज्य की लेवी पेट्रोल की खुदरा कीमत का लगभग 62 फीसदी और राष्ट्रीय राजधानी में डीजल के खुदरा मूल्य का लगभग 57 फीसदी है.

रुपया-डॉलर विनिमय दर

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की खरीद करने पर रुपये-डॉलर की विनिमय दर का भी बड़ा असर होता है. भारतीय तेल कंपनियां डॉलर में तेल खरीदती हैं लेकिन उनका खर्च रुपये में होता है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में गिरावट से कंपनियों को लाभ होता है, तभी रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है.



                                                     by Tradeflo



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